Anniversary of Haryana, Nov 01
Haryana was formed on 1 November 1966 and the first Chief Minister of the state was Bhagwat Dayal Sharma. Today is the 54th anniversary of this state. I congratulate all the people of the state. May our state touch new heights of progress? Together, we will give a new dimension to the glorious history of the state.
The partition of the state of Punjab resulted in two distinct states. Out of them Punjabi-speaking Punjab and Hindi-speaking Haryana. Haryana derives its name from Hari (Hindu god Vishnu) and Ayana (house), which means "abode of God". The state has its glorious history.
Haryana is an agrarian state and most of the land in the state is arable, but requires a lot of irrigation. The climate of Haryana is hot in summer and shivering cold in winter. May and June are the hottest months and January is the coldest month, with low temperatures dropping below freezing point.
Haryana has made rapid strides in the development and manufacturing of agricultural equipments. Among the most important of such industries are cotton and sugar processing and the production of farm machinery. Haryana also manufactures chemicals as well as a great variety of consumer goods also. Read More…
हरियाणा का गठन 1 नवंबर 1966 को हुआ था और राज्य के पहले मुख्यमंत्री भागवत दयाल शर्मा थे। आज इस राज्य की 54 वीं वर्षगांठ है। मैं राज्य के सभी लोगों को बधाई देता हूं। हमारा प्रदेश तरक्की की नई ऊंचाइयों को छूंता रहे। हम सब मिलकर राज्य के गौरवशाली इतिहास को एक नया आयाम देंगे।
पंजाब राज्य का विभाजन दो अलग-अलग राज्यों में हुआ। उनमें से पंजाबी भाषी पंजाब और हिंदी भाषी हरियाणा हैं। हरियाणा का नाम हरि (हिंदू भगवान विष्णु) और अयाना (घर) से लिया गया है, जिसका अर्थ है "भगवान का निवास"। राज्य का अपना गौरवशाली इतिहास रहा है।
हरियाणा एक कृषि प्रधान राज्य है और राज्य की अधिकांश भूमि कृषि योग्य है, लेकिन इसके लिए बहुत अधिक सिंचाई की आवश्यकता होती है। हरियाणा की जलवायु गर्मियों में गर्म और सर्दियों में कंपकंपाती ठंड है। मई और जून सबसे गर्म महीने हैं और जनवरी सबसे ठंडा महीना है, जिसमें कम तापमान हिमांक बिंदु से नीचे चला जाता है।
हरियाणा ने कृषि उपकरणों के विकास और निर्माण में तेजी से प्रगति की है। ऐसे उद्योगों में सबसे महत्वपूर्ण कपास और चीनी प्रसंस्करण और कृषि मशीनरी का उत्पादन है। हरियाणा रसायन के साथ-साथ विभिन्न प्रकार के उपभोक्ता सामान भी बनाता है।
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